अर्ज़ किया है:
वो कहती अपने भाइयों से, मेरे आशिक़ को यूँ ना पीटो;
ज़रा गौर फरमाइये:
वो कहती अपने भाइयों से, मेरे आशिक़ को यूँ ना पीटो;
बड़ा ज़िद्दी है ये कमीना, पहले कुत्ते की तरह घसीटो।
वो मंदिर भी जाता है और मस्जिद भी:
परेशान पति का, कोई मज़हब नहीं होता।
मोहब्बत का सफर लंबा हुआ;
तो क्या हुआ, थोड़ा तुम चलो;
थोड़ा हम चले, थोड़ा तुम चलो;
थोड़ा हम चले, फिर रिक्शा कर लेंगे।
पानी में विस्की मिलाओ तो नशा चढ़ता है;
पानी में रम मिलाओ तो नशा चढ़ता है;
पानी में ब्रेंड़ी मिलाओ तो नशा चढ़ता है;
साला पानी में ही कुछ गड़बड़ है।
बहुत खूबसूरत हो तुम;
खुद को दुनिया की बुरी नज़रों से बचाया करो;
सिर्फ आँखों में काजल ही काफी नहीं;
गले में नींबू, मिर्च और चप्पल भी लटकाया करो।
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