प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नहीं;
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं;
बेरुख़ी इससे बड़ी और भला क्या होगी;
एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं।
~ Qateel Shifai
किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह;
वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह;
किसे ख़बर थी बढ़ेगी कुछ और तारीकी;
छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह।
~ Qateel Shifai
अब जिस के जी में आये वही पाये रौशनी;
हम ने तो दिल जला कर सरेआम रख दिया।
~ Qateel Shifai
मिलकर जुदा हुए तो...
मिलकर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हम;
एक दूसरे की याद में रोया करेंगे हम;
आँसू छलक छलक के सतायेंगे रात भर;
मोती पलक पलक में पिरोया करेंगे हम;
जब दूरियों की आग दिलों को जलायेगी;
जिस्मों को चाँदनी में भिगोया करेंगे हम;
गर दे गया दग़ा हमें तूफ़ान भी "क़तील";
साहिल पे कश्तियों को डूबोया करेंगे हम।
~ Qateel Shifai
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