Saturday 21 November 2015

Qateel Shifai Shayari in Hindi Font

प्यास वो दिल की बुझाने कभी आया भी नहीं;
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं;
बेरुख़ी इससे बड़ी और भला क्या होगी;
एक मुद्दत से हमें उस ने सताया भी नहीं।
~ Qateel Shifai

किया है प्यार जिसे हमने ज़िन्दगी की तरह;
वो आशना भी मिला हमसे अजनबी की तरह;
किसे ख़बर थी बढ़ेगी कुछ और तारीकी;
छुपेगा वो किसी बदली में चाँदनी की तरह।
~ Qateel Shifai

अब जिस के जी में आये वही पाये रौशनी;
हम ने तो दिल जला कर सरेआम रख दिया।
~ Qateel Shifai

मिलकर जुदा हुए तो...

मिलकर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हम;
एक दूसरे की याद में रोया करेंगे हम;

आँसू छलक छलक के सतायेंगे रात भर;
मोती पलक पलक में पिरोया करेंगे हम;

जब दूरियों की आग दिलों को जलायेगी;
जिस्मों को चाँदनी में भिगोया करेंगे हम;

गर दे गया दग़ा हमें तूफ़ान भी "क़तील";
साहिल पे कश्तियों को डूबोया करेंगे हम।
~ Qateel Shifai

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