Saturday 5 December 2015

शेरो-शायरी हिंदी शायरी, मस्त शायरी हिंदी मे Shayari in Hindi Language

शेरो-शायरी हिंदी शायरी, मस्त शायरी हिंदी मे
Shayari in Hindi Language

तेरे लिए तो हूँ मैं बस वक़्त का एक बुलबुला,
जितना जीना था जी लिया, लो अब मैं चला |
तुझे याद करता हूँ तो बढ़ जाती है तकलीफ़ें,
ऐ ज़िन्दगी तू यहीं ठहर, लो अब मैं चला |
_____________________________________
दस्तूर के लिखें पर टिकना, मुनासिब नहीं दोस्तों..
ये अक्सर मौके कम.. और धौके ज़्यादा देता है।
_____________________________________
तुम बताओ तो मुझे किस बात की सजा देते हो।
मंदिर में आरती और महफ़िल में शमां कहते हो।
मेरी किस्मत में भी क्या है लोगो जरा देख लो,
तुम या तो मुझे बुझा देते हो या फिर जला देते हो
_____________________________________
अब तो ख़ुशी का ग़म है न ग़म की ख़ुशी मुझे
बे-हिस बना चुकी है बहुत ज़िंदगी मुझे
वो वक़्त भी ख़ुदा न दिखाए कभी मुझे
उन की नदामतों पे हो शर्मिंदगी मुझे
_____________________________________
हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ
दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे
ख़याल था कि ये पथराव रोक दें चल कर
जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे ||
_____________________________________
वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी…
मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी…
उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना…
वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी.
______________________________________
मैं रो के आह करूँगा जहाँ रहे न रहे
ज़मीं रहे न रहे आसमाँ रहे न रहे
रहे वो जान-ए-जहाँ ये जहाँ रहे न रहे
मकीं की ख़ैर हो या रब मकाँ रहे न रहे
______________________________________
अपने घर की इज्ज़त सब को प्यारी लगती है
गैरों की बहन बेटी क्यों अबला नारी लगती है,
दुसरो की बहन बेटी को छेड़ने में बड़ा मजा आता है
खुद की बहन बेटी को कोई देखे तो मिर्ची क्यों लगती है,
______________________________________
छू ले आसमान ज़मीन की तलाश ना कर,
जी ले ज़िंदगी खुशी की तलाश ना कर,
तकदीर बदल जाएगी खुद ही मेरे दोस्त,
मुस्कुराना सीख ले वजह की तलाश ना कर
_______________________________________
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है!
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है!
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर!
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!

No comments:

Post a Comment