1) किसी ने आँख भी खोली तो सोने की नगरी में,
किसी को घर बनाने में ज़माने बीत जाते हैं.
2) एक कमरे में जिसका पूरा घर समाया है
वक़्त ने शायद उसे खूब आजमाया है
किसी को घर बनाने में ज़माने बीत जाते हैं.
2) एक कमरे में जिसका पूरा घर समाया है
वक़्त ने शायद उसे खूब आजमाया है
No comments:
Post a Comment