Tuesday 27 May 2014

Dosti ki Kimat hindi Shayri

दोस्ती से कीमती कोई जागीर नही होती;
दोस्ती से खूबसूर्त कोई तस्वीर नही होती;
दोस्ती यूँ तो कचा धागा है मगर;
इस धागे से मजबूत कोई ज़ंजीर नही होती!

No comments:

Post a Comment